लेखन क्या है और इसका महत्व ?
हम हर रोज किसी ना किसी घटना या कहानी का पात्र बनते हैं, हम लोग फिल्म देखते हैं, कहानियां सुनते हैं, कभी-कभी उन्हें देख के ऐसा लगता है यह तो मेरी कहानी या मेरे दोस्त या फिर किसी बहुत नजदीकी रिस्तेदार की कहानी है, आप सच कहे हैं यकीन मानिए दुनिया के हर एक इंसान में कहानी छुपी है, लेकिन उस कहानी को लिखना कैसे है, कैसे लोगों के सामने लाया जाये?
आपने सुना होगा यह फिल्म बहुत अच्छी यह, यह ब्लॉग बहुत अच्छी जानकारी देता है, कभी सोचा है इसके पीछे कौन होता है? एक अच्छा लेखक जो अपनी सोच से आपके लिए एक नई दुनिया की रचना करता है, और आपको महसूस कराता की आप उस कहानी या घटना के पात्र हैं, अगर आप भी अच्छा लेखक बनना चाहते हैं तो सीखना होगा कैसे?
लेखन अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने की एक शानदार कला है, एक लेखक अपनी इस कला से लोगों का ना सिर्फ मनोरंजन करता है, बल्कि दिल और दिमाग को छूने का प्रयास करता है | आज के डिजिटल युग में आप कई तरह के राइटर बनके ना सिर्फ नाम बल्कि अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं, जैसे ब्लॉग राइटिंग, कंटेंट राइटिंग, स्टोरी राइटिंग, ईबुक्स राइटिंग, सोशल मीडिया के लिए लिखना, जर्नलिज़्म, फिल्म की स्टोरी, या फिर बहुत से कंटेंट क्रिएटर्स के लिए लिखना आदि शामिल हैं |
आप भी अपने अंदर लिखने की कला विकसित कर सकते हैं, इसके लिए आप हमारे ब्लॉग पर नियमित बने रहिये, हम आपको फ्री में सभी महत्पूर्ण जानकारी बताएंगे | लिखने की कला या उसके Syllabus के बारे में जानने से पहले कुछ और महत्पूर्ण बातें सीखते हैं -
1. कल्पनाशक्ति (Imagination)
एक अच्छे लेखक बनने के लिए आपके अंदर गहरी कल्पनाशक्ति होनी चाहिए, कल्पनाशक्ति से आशय है, आपकी सोच से, कब, कैसे, क्यों यह तीन ऐसे शब्द है जो आपको एक अच्छा लेखक बना सकते हैं, जैसे - आप उन चीज़ो के बारे में सोच सकते हैं जो वास्तव में हैं ही नहीं, उनकी एक अलग दुनिया बना सकते हैं, ऐसा पात्र से वास्तव नहीं और आप उसे अपनी सोच से बना सकते हैं | यही सब है कल्पनाशक्ति, मतलब आप किसी भी एक शब्द पर कितना और सोच सकते हैं?
जैसे - क्या होगा अगर हमारे सपने की सभी बातें सच होने लगें, क्या होगा अगर मानव पक्षियों जैसे आकाश में उड़ने लगें, आप कुछ भी सोच सकते हैं |
कल्पनाशक्ति आपको नई कहानियां, पात्र और नई-नई घटनाओं को गढ़ने में मदद करती है, अपने जीवन में इसका उपयोग कैसे करें? आस पास होने वाली सभी घटनाओं को ध्यान से देखें, महसूस करें और उनके बारे में अपने मन और दिमाग से सवाल करें | नेगेटिव सोच से बचे ऐसा नहीं हो सकता है, जैसे शब्द लेखक की डिक्शनरी में नहीं होने चाहिए, वह कुछ भी कर सकता है, खुला सोचे |
खुद से बात करें, क्या होगा अगर ऐसा हो जाये, फिल्मों को देख के विश्लेषण करें, क्या-क्या और हो सकता था, या ऐसा नहीं होना चाहिए | एक अभ्यास रोज करते हैं, क्योंकि
"कल्पनाशक्ति लेखक की आत्मा है"
2. ध्यानपूर्वक देखना और अनुभव करना
किसी भी घटना, पात्र या चलचित्र को ध्यान से देखना और उसके बारे अनुभव करना, ध्यान से देखने का मतलब लेखक के लिए यह नहीं होता है, अपनी आँखों से कुछ देख लिया | बल्कि उसकी गहराई, रंग, रूप, ध्वनि, गंध और भावनात्मक प्रभाव के साथ-साथ देखना। जैसे आपने देखा होगा एक लेखक सिर्फ यह नहीं लिखता है "की बारिश हो रही है" नार्मल लोग सिर्फ यही देख पाएंगे | Perspective (दृष्टिकोण) लेखक का आम लोगों से अलग होना चाहिए, जैसे लेखक सिर्फ बारिश का जिक्र नहीं करेगा वह सोच सकता है -
"बारिश हो रही है, पानी के तेज बूंदें खिड़की के शीशे पर दस्तक दे रही हैं, राधा को कृष्णा के साथ पिछले साल बिताएं सावन की याद आ रही है "
"गीली मिटटी गांव की याद दिला रही है, जब हम बचपन में गांव बारिश में भीग भीग कर मिटटी में खेला करते थे "
अनुभव करना बारिश में भीगी हुआ पत्तियां, पेड़ कैसे दिखते हैं, जब बच्चा अपने माँ को देख कर मुस्कराता है, तो उस माँ को क्या महसूस होता है | भावनाओं को महसूस करना, दुःख, दर्द, दर में कैसा लगता है, दिल की धड़कन क्यों बढ़ती है, प्यार कोई पाने वाली चीज़ या फिर भौतिक संसार का झूठा वादा |
कहानियां अक्सर धीमे मोड़ पर मिलती हैं, धीमे धीमे चलना और आस-पास की ध्वनि, गंध और स्पर्श को कहानी में बदलना यह आपको आना चाहिए, बारिश की बूदें जब खिड़की से टकराती हैं तो कैसी आवाज़ आती है, गीली मिटटी की गंध हमें क्या याद दिलाती है, गर्म चाय का प्याला हमें क्या सोचने पर मजबूर कर देता है |
"ध्यानपूर्वक देखना" लेखक की आँखें खोलता है, और "अनुभव करना" उसके दिल को"|
3. धैर्य (Patience) और अनुशासन (Discipline)
कभी विचार नहीं आते, कभी विचार अच्छे नहीं लगते, कभी-कभी तो हमें अपना लिखा हुआ मिटा के दुबारा से शुरू करना होता है, लेखन उलझी और धीमी कला है | आपको समझना होगा "हर दिन महान नहीं होता, लेकिन हर दिन ज़रूरी होता है" आपके पास धैर्य होना चाहिए, यह आपको महान बनाता है |
अनुशासन (Discipline)
अगर आप प्रेरणा का इंतज़ार कर रहे हैं, तो करते रह जायेंगे कभी एक अच्छे लेखक नहीं बन पाएंगे | आपको अनुशासन लाना होगा, आपको हर दिन लिखने की आदत डालनी चाहिए, हर दिन आप अच्छा नहीं लिख पाएंगे लेकिन आपको हर दिन 30 मिनट्स कम से कम लिखना चाहिए, फिर आप देखेंगे की धीरे-धीरे आपकी सोच "रचनात्मक सोच" हो जाएगी |
"धैर्य आपको रुकने से रोकता है। अनुशासन आपको चलते रहने की आदत देता है"।
4. भाषा और व्याकरण की समझ
लेखन में लेखक की कल्पना, भावनाएं, और अनुभव तो होते ही है, साथ में अगर भाषा कमज़ोर और व्याकरण गलत है तो वह पाठक को भ्रमित करेगी, आपके भाव कमजोर पढ़ जायेंगे | शब्दों के चुनाव में "स्पष्टता (Clarity)" और "प्रभाव (Impact)" दिखना चाहिए यह लेखक की ताकत हैं' जैसे "वो मुझसे बोला", "मैंने उससे कहा" शब्द बदले और भाव भी बदल गया | "वह रोया" (X), "उसकी आँखे नम हो गयी" भावना को प्रभाव तरीके से व्यक्त करना आना चाहिए | तभी आप पाठक के दिल तक जा पाएंगे |
इसी प्रकार आपको व्याकरण पर भी ध्यान देना होगा, जैसे "मैं जा रहा है" (X), "मैं जा रहा हूँ" अगर आपकी भाषा और व्याकरण सही है तो पाठक आपको गंभीर मेहनती लेखक समझेगा, इसके लिए आप नियमित रूप से न्यूज़ पेपर, बुक्स पढ़े, वहां से लेखकों की शैली का अवलोकन करें, अपनी गलतियों से सीखें, बेसिक व्याकरण जैसे काल, वचन, लिंग, सर्वनाम, क्रिया, कारक, वाक्य रचना का अध्ययन करें |
"अच्छी भाषा लेखन को सुंदर बनाती है, और सही व्याकरण उसे मज़बूत करता है"।
5. समीक्षा लेना और सुधार करना
पाठक ही आपको एक "महान" लेखक बनने में सहयोग करते हैं, हम अपनी गलितयों को खुद नहीं देख पाते, आपके पाठक ही आपकी कमिया आपको दिखा सकते हैं, "समीक्षा से हम सीखते हैं और सुधारते हैं" हमें पाठक से पता चलता है वह क्या सोच पा रहा है और हमसे क्या मिस हो रहा है, इससे आपकी लेखनी में गहराई, स्पष्टता और आत्मविश्वास आता है |
कई लेखक समीक्षा लेना ही नहीं चाहते या कई लोग अपनी कमियों को सुनना ही नहीं चाहते है, रक्षात्मक न बनें (Don't get defensive) ना बने, अगर कोई आपकी कहानी को कमजोर या बुरा कहता है, तो वह आपको नीचा नहीं दिखा रहा है - वह आपको सुधार का मौका दे रहा है, सुने, समझे और निर्णय लें | समीक्षा और आलोचना में फर्क समझे "समीक्षा" सुधार की ओर ले जाती और "आलोचना" नकारात्मक भाव है उसे नजरअंदाज करें |
सुधार के लिए ड्राफ्ट बनाएं, बार बार संसोधन करें, जंहा पाठक अटक रहे हैं, या भाव हमने जरुरत से ज्यादा व्यक्त किया है, उसे हटाना चाहिए |
"अच्छे लेखक लिखते हैं, बेहतरीन लेखक बार-बार सुधारते हैं"।
लिखने की कला या उसके Syllabus के बारे हम पूरा जानेंगे, इसके लिए आप हमारे ब्लॉग को नियमित पढ़ते रहिये, सीखने के लिए बहुत कुछ है जैसे कहानी क्या है? कहानी का विचार / थीम, पात्र निर्माण (Characters), मुख्य पात्र, सहायक पात्र, बैकस्टोरी, भावनाएं, लक्ष्य, संरचना (Structure) शुरुआत (Hook), मध्य (Conflict/घटना), अंत (Climax + समाधान), वातावरण / स्थान / समय (Setting) स्थान, समय, माहौल का निर्माण, संवाद लेखन (Dialogue) स्वाभाविकता, उद्देश्य, पात्रानुसार भाषा , भाषा और शैली सरलता, स्पष्टता, भावनात्मक प्रभाव, संपादन और पुनर्लेखन ड्राफ्ट संशोधन, सुधार, परिष्करण, प्रेरणा और अभ्यास नियमित लेखन, कहानियाँ पढ़ना, सीखना (लेखन के प्रकार - कहानी लेखन (Fiction/Story Writing) निबंध लेखन (Essay), ब्लॉग लेखन (Blogging), पत्रकारिता (Journalistic writing), लिपि लेखन (Script writing), कविता (Poetry) |
लेखन एक कला है इससे आप अपनी भावनाओं को लोगों तक पहुंचाते हैं; धैर्य, अनुशासन, समीक्षा और सतत अभ्यास से हम एक अच्छे लेखक बन सकते हैं, इससे हमें एक अलग पहचान मिलेगी साथ-साथ में हम अपना कैरियर भी शुरू कर सकते है | इन सबके बारे में हम जानेंगे, आप हमारे ब्लॉग के साथ बने रहें, और हर आने वाले ब्लॉग को पढ़ें, आप हमें सोशल मीडिया पर भी फॉलो/Facebook कर सकते हैं , धन्यवाद |
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